सारी तालीमात

शीत ऋतु की एक सुबह

शिक्षिका ने बच्चों को प्रात:कालीन दृश्य बनाने के लिए कहा. एक बच्चे ने अपना चित्र पूरा किया और पार्श्व को गाढ़ा कर दिया लगभग सूर्य को छिपाते हुए. “मैंने तुम्हें प्रात:कालीन दृश्य बनाने के लिए कहा था, सूर्य को चमकना चाहिए.” शिक्षिका चिल्ला उठी, उसने यह ध्यान नहीं दिया कि बच्चे की आँखें खिड़की से बाहर देख रही हैं; आज अभी तक अँधेरा था, सूर्य गहरे काले बादलों के पीछे छिपा हुआ था.

‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ 2005 से.