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रणवीर शौरी का होना या ना होना.

Finally… इतने इंतज़ार के बाद कल आख़िरकार Osian’s में रणवीर शौरी के दर्शन हो ही गये! उसके बिना Osian’s कुछ अधूरा-अधूरा सा लगता है. पिछली बार वो अपनी नई फ़िल्म मिथ्या के साथ यहाँ था. मिथ्या जो इस साल की सबसे उल्लेखनीय और जटिल फिल्मों में से एक बनकर उभरी है. मिथ्या जो मुझे उदय प्रकाश की ‘तिरिछ’ की याद दिलाती है. मिथ्या जिसे किसी एक श्रेणी में डालना मुश्किल है. रणवीर शौरी हमारे दौर के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक है. इतना अपना लगता है कि उसके लिए ‘उनके’ लिखने का मन नहीं होता. मैं उसे हमारी पीढ़ी का प्रतिनिधि चरित्र मानता आया हूँ. जैसे मेले में खोया हुआ बच्चा. Lost Child. क्या कहें, अपना भूत भूल चुकी मेरी पीढ़ी का प्रतिनिधि चरित्र. कल सिरीफोर्ट की सीढियों पर बैठा वो फिर से उसी Lost Child जैसा लग रहा था. मीनाक्षी उसे देखकर बोली, “देखो मिहिर वो जो लड़का वहाँ सीढियों पर बैठा है वो तो…” और मैंने कहा, “हाँ रणवीर शौरी है.” और फ़िर हम दोनों ने एकसाथ कहा… Finally.

यहाँ मैं रणवीर का एक मिनी साक्षात्कार प्रस्तुत कर रहा हूँ. साभार Osian’s.

Q. क्या आपको ऐसा महसूस होता है कि Osian’s एक ख़ास तरह के सिनेमा को बढ़ावा देकर और फ़िल्म समारोहों से कुछ अलहदा भूमिका निभा रहा है?
रणवीर. Osian’s हमारे मुल्क़ में होने वाला सबसे जीवंत समारोह है. यहाँ दिखाई जाने वाली फिल्में और आने वाले दर्शकों का समूह मिलकर इसे एक बेहतर माहौल देते हैं.

Q. नई फ़िल्म जो आपको पसंद आई हो?
रणवीर. मुझे Orphanage पसंद आई. वैसे आजकल मुझे ज़्यादा फिल्में देखने का समय नहीं मिल पाता है.

Q. पुरानी हिन्दी फिल्मों में आपकी पसंद क्या है?
रणवीर. मैंने अपने कॉलेज के दिनों में ही गुरु दत्त, राज कपूर और अशोक कुमार को खोज लिया था.

Q. मिथ्या में आपके किरदार को दुनिया भर में वाहवाही मिली है. इस रोल के लिए आपकी तैयारी के बारे में कुछ बतायें.
रणवीर. मुझे रजत के साथ काम करने में मज़ा आता है. मेरे लिए यह एक ख़ास मौका होता है. उनके लिए काम सबसे पहले है. पैसा और वक्त उसके बाद आते हैं. मिथ्या की योजना रजत के पास पिछले दस सालों से थी. मैंने यह कहानी उस वक्त पढ़ी थी जब मैं मिक्स डबल्स की शूटिंग कर रहा था. क्योंकि यह इतने लंबे समय तक चलने वाली फ़िल्म थी इसलिए रजत इसे और ज़्यादा गहराई दे पाये. मिथ्या का किरदार एक डबल रोल नहीं था बल्कि यह तो एक ट्रिपल रोल था. एक बार किरदार की याददाश्त जाने के बाद किरदार का तीसरा हिस्सा शुरू हो जाता है. इसीलिए मुझे हर किरदार को अलग पहचान देनी ज़रूरी थी. एकबार याददाश्त जाने के बाद नया किरदार दो हिस्सों में विभाजित हो जाता है. एक है उसका दिमाग और दूसरा उसका शरीर जो दो अलग-अलग व्यक्तियों की स्मृतियाँ ढो रहे हैं.

Q. आपने My Blueberry Nights देखी. कैसी लगी?
रणवीर. मुझे यह पसंद आई. विंटेज वोंग कार वाई का जादू है. लेकिन उन्हें हॉलीवुड के अभिनेताओं के साथ काम करते देखना मज़ेदार था.

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ranveer ke bare me badiya likha hai, hum movies to aaye din dekhte hi rahte hai, par ye kuch naya aur hatkar hai, waise sach kahu to samjh me bhi thoda hi aaya hai.